देव नामपिय देवो का प्रिया,
देव नामपिय देवो सा प्रिया वो कहलाये।
शूरवीर बलवान दयामय।
प्रजापाल रक्षक करुणामय वो कहलाये।।
सम्राटो का सम्राट है।
सम्राटो में विराट है।
उसे पूछो तो वो कहे,
अपनी मिटटी का दास है।।
आ गया अगन सूरज बनके वो आया,
छा गया धर्म पुत्र बनके वो छाया,
प्रेम का सबके दिलो पे ध्वज है फेरया,
हाँ वही मौर्या वंश का अंश अनोखा हे।।
अशोका हे अशोका हा
अशोका हे अशोका।
अशोका हे अशोका हा
अशोका हे अशोका।
अशोका हे अशोका हा
अशोका हे अशोका।।
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