कहीं ना जा, आज कही मत जा
फिर मिले ना मिले, ये पल ये समा, बाहों में आ जा
ये जो बस में कदम नहीं तेरे
मैं संभालूंगी, तू आ संग मेरे
तेरे दिल की मंज़िल है यहाँ
जान-ए-वफ़ा, सच है किस को पता
फिर मिले ना मिले, ये पल ये समा, बाहों में आ जा
मेरी राहों का दिया तेरी आँखें
मेरे ग़म की दवाँ तेरी बातें
तो फिर और जाना है कहाँ
उलझन तेरी मैं सब जानू
तुझे तेरी तरह पहचानू
जो मैं हूँ तो गम क्या जान-ए-जां
जब दिल हुआ तेरा दीवाना
ठोकर में है सारा जमाना
मेरा क्या करेगा ये जहां
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