मरीज़-ए-इश्क़ हूँ मैं, कर दे दवा मरीज़-ए-इश्क़ हूँ मैं, कर दे दवा
ओ हो..ओ हो.. ओ हो.. [तलब है तू, तू है नशा ग़ुलाम है दिल ये तेरा खुलके ज़रा जी लूं तुझे आजा मेरी साँसों में आ]x २ मरीज़-ए-इश्क़ हूँ मैं, कर दे दवा हाथ रख दे तू दिल पे ज़रा ओ.. हाथ रख दे तू दिल पे ज़रा ओ हो..हो..
[तुझे मेरे रब ने मिलाया मैंने तुझे अपना बनाया अब ना बिछड़ना खुदाया]x २ मोहब्बत रूह की है लाज़िम रिज़ा हाथ रख दे, तू दिल पे ज़रा ओ.. हाथ रख दे तू दिल पे ज़रा ओ.. हाथ रख दे तू दिल पे ज़रा ओ हो..ओ हो.. ओ हो..
[चाहा तुझे मैंने वफ़ा से माँगा तुझे मैंने दुआ से पाया तुझे तेरी अदा से]x २ करम हद से है ज़्यादा मुझपे तेरा.. हाथ रख दे तू दिल पे ज़रा ओ हाथ रख दे तू दिल पे ज़रा ओ हाथ रख दे तू दिल पे ज़रा हो..ओ हो.. ओ हो..